Press ESC to close

अयोध्या: श्री राम मंदिर निर्माण

आज हम आपकी मदद करेंगे श्री राम मंदिर निर्माण की एक विशेष श्रंखला के इस ब्लॉग में सजीव चित्रण अयोध्या से हम आपके लिए नई और अहम जानकारी लेकर आए हैं। जिससे आप अलौकिक धाम के निर्माण कार्य के साक्षी बनेंगे।

अयोध्या श्री राम मंदिर निर्माण की वर्तमान स्थिति

जैसा कि हम सभी जानते हैं कि वर्तमान समय में पावन भूमि अयोध्या पर भगवान श्री रामचंद्र के भव्य मंदिर की नींव का निर्माण कार्य किया जा रहा है। सबसे पहले आपको बता दें कि फिलहाल श्री राम मंदिर के शिलान्यास का काम चल रहा है।

सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि अब तक मंदिर का शिलान्यास कार्य पूरा कर लिया गया है। वहीं नवंबर से base plinth यानी प्लेटफॉर्म पर पत्थर लगाने का काम शुरू हो जाएगा।

राम मंदिर

यह भी पढ़ें: Valmiki Ramayan in Hindi | संपूर्ण रामायण हिंदी में

जानिए श्री राम मंदिर की रिटेनिंग वॉल के बारे में

आपको बता दें कि राम मंदिर निर्माण के मॉडल को लेकर काफी बहस हुई थी रामजन्मभूमि पर। लेकिन मंदिर की सुरक्षा के विषय पर कभी चर्चा नहीं हुई हजारों साल के लिए। शायद यह विषय डीप टेक्नोलॉजी का था, जिससे यह विषय आम जनता के लिए अछूता रहा।

श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट मंदिर रखने पर विचार कर रहा है मंदिर निर्माण की शुरुआत के बाद से हजारों वर्षों से बरकरार है। इसकी वजह देश के प्रतिष्ठित तकनीकी संस्थानों के विशेषज्ञों के साथ बातचीत की गई। इस संवाद में सुरक्षा दीवार यानी रिटेनिंग वॉल के निर्माण की आवश्यकता को भी गंभीरता से रेखांकित किया गया है।

इस रिटेनिंग वॉल की डिजाइन तैयार कर ली गई है। इसका निर्माण भी लार्सन एंड टुब्रो (L & T) द्वारा किया जाएगा। तकनीकी विशेषज्ञों के लगातार संवाद में पहले इस रिटेनिंग वॉल के लिए सीमेंट-कंक्रीट की मंजूरी दी गई थी। लेकिन फिर से सीमेंट-कंक्रीट के स्थान पर पत्थरों के निर्माण को मंजूरी मिल गई है।

राम जन्मभूमि ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय के अनुसार, ISRO से मिली तस्वीरें, पिछले 500 सालों में सरयू नदी ने दिशा बदल दी। घाघरा नदी पांच बार भविष्य में यह धारा फिर से बदल सकती है और मूल स्थान की ओर मुड़ सकती है। ऐसे में नदी की तलहटी में स्थित मंदिर की नींव प्रभावित होगी रेत के कटाव और बारिश से।

इस आशंका को दूर करने के लिए रिटेनिंग वॉल एक महत्वपूर्ण सुरक्षा उपाय है। इस रिटेनिंग वॉल के बारे में अधिक जानकारी के लिए हम आपको बता दें कि राम मंदिर को बनाए रखने के लिए नदी के प्रवाह से अप्रभावित, इसे रिटेनिंग वॉल की गहराई तक पकड़ना भी आवश्यक है अर्थात सुरक्षा दीवार की मजबूती के लिए।

इससे रिटेनिंग वॉल की गहराई लगभग 12 मीटर भूमिगत बनी रहेगी। विशेषज्ञों से परामर्श के बाद यह निर्णय लिया गया है कि सुरक्षा दीवार super structure के तीन तरफ यानी तीन दिशाओं में बनाई जाएगी। ये दिशाएं पश्चिम के अलावा उत्तर और दक्षिण की ओर होंगी।

जानिए भक्तों को कब से मिलेंगे रामलीला के दर्शन

इसके अलावा आपको बता दें कि इंतजार कर रहे लाखों श्रद्धालुओं के लिए खुशखबरी आई है। अयोध्या में श्री राम जन्मभूमि मंदिर में दर्शन पूजा कि वर्ष 2023 तक नवनिर्मित मंदिर के कपाट दर्शनार्थियों के लिए खुलेंगे और दर्शन पूजा भी शुरू होगी।

इतना ही नहीं, वर्ष 2025 के अंत तक 70 एकड़ में फैले राम जन्मभूमि परिसर का विकास किया जाएगा हर तरह से। यह फैसला हाल ही में अयोध्या में राम मंदिर ट्रस्ट की बैठक में लिया गया है।

अयोध्या और राम मंदिर परिसर में भक्तों को क्या दिखेगा?

जो अध्यात्म और भक्ति से प्रेम करते हैं, उन सभी परिकल्पनाओं को साकार किया जाएगा। अब मंदिर निर्माण स्थल के बारे में अधिक जानकारी के लिए हम आपको बता दें कि श्री राम मंदिर हो हजार साल, इसके लिए श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने फुलप्रूफ रणनीति तैयार की है।

जानिए कंस्ट्रक्शन साइट पर लगे चिलिंग प्लांट के बारे में

जैसा कि हम जानते हैं कि वर्तमान में नींव का कार्य भरने जा रहा है। लेकिन नई जानकारी यह है कि नींव की सतह को अब मजबूत करने के लिए बर्फ का इस्तेमाल किया जा रहा है। आपको बता दें कि निर्माण कार्य में नींव की सतह पर बर्फ या ठंडा पानी डाला जाता है, जिसके बाद सतह बहुत ठोस हो जाती है।

यह तभी किया जाता है जब तापमान 30 डिग्री सेल्सियस से ऊपर रहता है और इस उद्देश्य के लिए परिसर में ही एक चिलिंग प्लांट लगाया गया है, जो देता है 6 डिग्री सेल्सियस तक ठंडा पानी। गुणवत्ता नियंत्रण IIT चेन्नई की देखरेख में किया जा रहा है।

विशेषज्ञों का कहना है कि तापमान अधिक होने पर कंक्रीट की संरचना में दरार पड़ने का खतरा होता है। इसलिए ठंडे पानी का इस्तेमाल फाउंडेशन में इस्तेमाल होने वाली सामग्री को मिलाने में भी हो रहा है।

नींव की फिलिंग किसके द्वारा की जा रही है

परिसर में स्थापित तीन स्वचालित बैचिंग संयंत्रों से इंजीनियर फिलिंग सामग्री तैयार करना। नींव की एक परत 12 इंच है, इसे रोलर के साथ दो इंच संकुचित किया जाता है। नींव की परत बनने के बाद ही तापमान के अनुसार बर्फ और ठंडे पानी का उपयोग किया जाता है जो सतह को और मजबूत करने में मदद करता है।

वायुमंडलीय तापमान के कारण पिछले कई दिनों से 30 डिग्री सेल्सियस होने के कारण हर दिन इस काम के लिए दस टन बर्फ का इस्तेमाल किया जाता है और प्रतिदिन एक लाख लीटर पानी की खपत होती है। परिसर में द्रुतशीतन संयंत्र स्थापित किया गया है बाजार से ठंडा पानी और बर्फ खरीदा जा रहा है।

दान राशि का विदेशी पैसा क्यों लौटाया जा रहा है

श्री राम मंदिर निर्माण के अलावा मंदिर की जानकारी के लिए समर्पण राशि, आपको बता दें कि जब विश्व हिंदू परिषद (VHP) ने लॉन्च किया था। अयोध्या में भगवान राम के मंदिर निर्माण के लिए ‘सरमन निधि अभियान’, राम भक्त देश भर से इसमें वृद्धि हुई- चढ़कर भाग लिया।

इतना ही नहीं, भारतीय और विदेशी इसमें विदेशों में रहने वाले राम भक्तों का भी विशेष योगदान रहा। समर्पण कोष के रूप में अब तक श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट से लगभग 3500 करोड़ रुपये की वसूली की जा चुकी है। लेकिन अब श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट विदेशी राम भक्तों से प्राप्त चंदा उन्हें लौटा रहा है।

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के पास अभी तक एफसीआरए (FCRA) लाइसेंस नहीं है। इस लाइसेंस के बिना कोई भी संगठन विदेशी स्रोतों से चंदा स्वीकार नहीं कर सकता। लेकिन जब के लिए ऑनलाइन समर्थन राशि स्वीकार की जा रही थी। राम मंदिर का निर्माण, तब विदेशी राम भक्तों ने इसमें बड़ी संख्या में योगदान दिया।

ढेर सारा पैसा जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट में लाखों लोगों ने श्री राम के बैंक खातों में सीधे जमा किया था। लेकिन श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के पास एफसीआरए लाइसेंस नहीं है, इसलिए यह विदेशी स्रोतों से दान स्वीकार नहीं कर सकता। इसलिए अब ट्रस्ट विदेशी खातों से प्राप्त अंशदान राशि लौटा रहा है।

बता दें कि अब तक 18 हजार से ज्यादा विदेशी दानदाताओं का पैसा वापस किया जा चुका है यह प्रक्रिया अभी भी जारी है। दाता के सारे पैसे वापस मिलने में कुछ और समय लग सकता है।

यह महत्वपूर्ण है कि वर्ष 2023 तक, सभी आगंतुकों के लिए दर्शन शुरू हो जाएंगे, लेकिन केवल वर्ष 2025 के अंत तक 70 एकड़ का पूरा परिसर पूरी तरह विकसित हो जाएगा।

दोस्तों अगर आपको श्री राम के निर्माण कार्य की विशेष जानकारी पसंद आई हो तो कमेंट बॉक्स में जय श्री राम जरूर लिखें और अगर आपका कोई सुझाव है तो उसे भी बताएं| तब तक जय हिंद जय श्री राम

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *